Below mentioned are few of the important piece of advice shared by the Council for the Indian School Certificate Examinations for students appearing for their Hindi examinations. I hope the students find this beneficial.
Suggestions for students (विद्यार्थियों के लिए सुझाव):
- प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित 15 मिनट का सदुपयोग करें। प्रश्न पत्र को दो बार ध्यानपूर्वक और स्थिरचित्त से पढें ।
- प्रश्न को गहराई से समझने का प्रयत्न करें।
- निबन्ध-लेखन का अम्यास आवश्यक है । लेखन से पूर्व दिए गये विषय ध्यानपूर्वक पढ़े और समझें ।
- निबन्ध की एक रूप रेखा बना लें एवं सभी आवश्यक बिन्दुओं समावेश करें। असंगत व अनावश्यक बाते न लिखें ।
- निबन्ध की भाषा को सुन्दर बनाने के लिए मुहावरे व उक्तियों का यथोचित प्रयोग करें।
- निबन्ध के तीनों भागों यथा प्रस्तावना, मुख्य विष्य और उपसंहार का विशेष ध्यान रखें व अनुच्छेद परिवर्तन का खास खयाल रखें ।
- पत्र लेखन में पत्र का प्रारुप, संबोधन, अभिवादन इत्यादि का विशेष अभ्यास करें।
- व्यवहारिक व्याकरण का मौखिक एवं लिखित अभ्यास करें। अपठित गधांश का उत्तर अपनी भाषा में लिखने का अम्यास करें ।
- निर्देशानुसार वाक्य परिवर्त्तन करते समय लिंग, वचन, काल आदि में अनावश्यक परिवर्त्तन न करें।
- पाठ्य पुस्तकों के सभी पाठों को ध्यान से पढ़े। मात्र कहानी समझकर नहीं ।
- पाठों में आये विशेष संदर्भों की जानकारी अवश्य प्राप्त करें तथा पाठ का आलोचनात्मक अध्ययन करें।
- पाठ के मुख्य बिन्दुओं को बार-बार लिखकर अभ्यास करें और तर्क सहित उत्तर लिखने का प्रयास करें।
- अपने विचारों की अभिव्यक्ति करना सीखें व शब्दों के उचित प्रयोग पर ध्यान दें।
- वर्त्तनी संबन्धी अशुद्धियों पर ध्यान दें। श्रुतलेख के माध्यम से उसे सुधारने का प्रयास करें।
- हस्तलेख को अभ्यास द्वारा सुन्दर बनाये ।
- शब्द भंडार की वृद्धि के लिए पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ इत्यादि पढ़े।
- व्याकरण के नियमों का पालन करें।
- स्वध्याय की आदत डालें । समयन्चसमय पर पुस्तकालय से पुस्तकें लेकर पढ़े।
- नाटक, एकांकी इत्यादि मंचन में रूचि लें । इससे भी संदर्भ याद रखना सरल हो जाता है।
- हिन्दी साहित्य तथा भाषा सम्बन्धी अन्य गतिविधियों में अवश्य भाग लें ।
- चारित्रिक विशेषताएँ लिखने में रूचि रखें और उसका अभ्यास करें
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